देवास। हमेशा विवादो में घिरा रहने वाले होली ट्रिनिटी स्कूल के प्राचार्य ने हिंदू संस्कृति भी भावना को आहत पहुंचाते हुए छात्रों से कह दिया कि यहां पर सिर पर तिलक व हाथ में कलवा पहनकर नहीं आए नहीं तो उन्हें स्कूल से बाहर कर दिया जाएगा। इस संबंध में एक ऑडियो गुरूवार शाम को वायरल हुआ था। जिसमें वहां के छात्र ने बताया था कि एक महिला शिक्षिका ने प्रिंसिपल के कहने पर तिलक लगाने का मना किया है।
इस बात से आहत होने पर इसके बाद शुक्रवार सुबह बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, शिवसेना पदाधिकारी, संस्था राम राम के कार्यकर्ता और पार्षद दल भी पहुंचे थे। जहां उन्होनें तिलक ना लगाए जाने का विरोध कर प्राचार्य को कहा कि हिंदू समाज की भावनाएं आहत हुई है प्राचार्य को कहा कि बच्चों को तिलक लगाने से रोका नहीं जाए। पार्षद दल ने कहा कि पूर्व में भी इस स्कूल में कई अनियमितताएं हो चुकी है। स्कूल के प्राचार्य को समझाईश दी गई है कि हिंदू समाज की भावनाएं आहत ना हो प्राचार्य ने माफी मांगी और आगे से ऐसा कोई मामला नहीं होगा। वहीं स्कूल की शिक्षिका ने भी हिंदू संगठन से माफी मांगी है।,,
एक दिन पूर्व सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हुआ था जिसमें होली ट्रिनिट स्कूल में पढऩे वाले छात्र ने बताया था कि वहां की एक शिक्षिका पूजा मेडम ने प्रिंसिपल के कहने पर तिलक लगाकर स्कूल में आने से मना कर दिया है। ऑडियो के वायरल होने पर शुक्रवार सुबह से समस्त हिंदू संगठन, पार्षद स्कूल पहुंचे जहां प्राचार्य फादर करोल से काफी देर तक बहस हुई। संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि शहर के अन्य शिक्षण संस्थाओं में सरस्वती माता की पूजा अर्चना की जाती है लेकिन यहां पर सिर्फ यिशु के अलावा अन्य किसी और भगवान की तस्वीर तक नहीं है ना ही यहां पर माँ सरस्वती की प्रार्थना की जाती है। संगठन के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाते हुए बताया कि पूर्व में यहां पर माता सरस्वती की तस्वीर थी जिसे फाड़ दिया गया था। यहां तक की स्कूल में राष्ट्रीय ध्वज भी नहीं लगाया गया है। उन्होनें बताया कि इस प्रकार के शहर में और भी मिशीनरी स्कूल संचालित हो रहे हैं जहां पर हिंदू समाज की भावनाएं आहत होती पाई गई तो वहां भी जाकर स्कूल प्रबंधन को समझाईश दी जाएगी।,,
भारत माता का चित्र नहीं, धर्म विशेष की बात की जाती है,,
जिला मंत्री विश्व हिंदू परिषद के संदीप चौबे ने बताया कि इस स्कूल में प्रार्थना के दौरान बच्चों को कहा था कि वह तिलक लगाकर व कलावा बांधकर नहीं आएंगे। जय श्री राम का अभिवादन नहीं करेंगे। जिस पर हम लोग यहां आए यहां देखा कि भारत माता का चित्र नहीं है धर्म विशेष की बात की जाती है। सनातन संस्कृति की कोई बात यहां की जाती है तो उसका विरोध किया जाता है। तिलक लगाने के विरोध में प्राचार्य ने माफी मांगी है। इस दौरान सिविल लाइन थाना प्रभारी संजय सिंह व बड़ी संख्या में पुलिस बल पहुंच गया था।,,
तिलक हमारे सनातन धर्म की पहचान है,,
रोहित शर्मा शिवसेना प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि यहां पर अगर भविष्य में हिंदू बच्चे के साथ कोई घटना घटती है तो हिंदू बच्चों के एडमिशन रुकवा देंगे। यहां पर एक बोर्ड लगा देंगे की यहां पर हिंदू बच्चों को तिलक लगाना और कलावा पहनने पर प्रतिबंध है उसके बावजूद अभिभावक अगर बच्चों को यहां पढ़ाना चाहता है तो कहीं ना कहीं अभिभावकों भी गलती है कि यहां क्यों पढ़ा रहे हैं हम धर्म का प्रचार नहीं कर रहे हैं तिलक हमारे सनातन धर्म की पहचान है। यह स्कूल हास्य का पात्र है कि यहां पर सरस्वती माता की तस्वीर तक नहीं है यहां पर जिजस क्राइस का फोटो दिख रहा है जबकि यहां सभी धर्म के बच्चे पढ़ रहे हैं। कहां लिखा है कि किसी स्कूल में सरस्वती माता की फोटो ना हो। कुछ स्कूल है जहां पर सरस्वती माता की फोटो ना लगाने के बाद बच्चे पढ़ रहे है वह गलत है। विद्यालय में सरस्वती माता का फोटो होना अतिआवश्यक है। इस संबंध में प्राचार्य को अवगत करा दिया है। अगर आगे फोटो नहीं लगा तो इस संबंध में प्रिंसिपल से पुन: मुलाकात करेंगे।,
,छात्र ने बताया मेडम ने तिलक मिटवाया था,,
स्कूल में कक्षा 7 वीं में पढऩे वाले कृष्णा पडिय़ार ने बताया कि मुझे पूजा मेडम ने तिलक लगाने से मना किया था, और सिस्टर प्रिया ने एक दिन पूर्व तिलक मिटवा दिया था। मेडम ने कहा कि फादर ने मना किया है तिलक नहीं लगाना है।,,
हिंदू संस्कृति को कर रहे टारगेट,,
पार्षद अजय तोमर ओर संस्था राम राम के संस्थापक शैलेंद्र पवार ने कहा कि हिंदुस्तान में स्कूल खुला हुआ है और हिंदू परिवार से रुपए कमा रहे हैं। स्कूल के प्राचार्य हिंदू संस्कृति को टारगेट कर रहे है स्कूल के प्रिंसिपल फादर को बच्चों की पोषाक, तिलक, जनेऊ, कलावा, रुद्राक्ष से समस्या है यह स्कूल हमेशा विवादों में रहा है, पहले भी कई मामलों को लेकर कलेक्टर को अवगत कराया जा चुका है। स्कूल के प्राचार्य व पूजा मेडम ने माफी मांगी है कि आगे से ऐसा नहीं होगा।,
,तिलक मिटाने का नहीं छोटा करने को कहा था,,
स्कूल के प्रिंसिपल फादर करोल ने कहा कि गुरुवार को स्कूल प्रांगण में कहा गया था कि कुछ छात्र तिलक फेशन के रुप में लगाकर आ रहे हैं वह छोटा लगाकर आएं यही कहा था। मैंने जो संदेश दिया था वह पूजा मेडम गलत समझे होंगे। हमने किसी को भी तिलक लगाने से मना नहीं किया है। यहां पर सभी भगवान को मानते हुए प्रार्थना प्रतिदिन सुबह की जाती है। सरस्वती माता का फोटो लगाने के लिए हमारे उच्चाधिकारियों से चर्चा करेंगे। मैंने व पूजा मेडम ने हिंदू संगठन से माफी मांगी है। आगे से ऐसा कुछ नहीं होगा।
इनका कहना :
होली ट्रिनिटी स्कूल में सोशल मीडिया से जानकारी मिली थी कि बच्चे टिका लगाकर नहीं आएंगे। इस संबंध में फादर से चर्चा हुई तो उन्होनें बताया कि बच्चों को लंबा टिका नहीं लगाने की समझाईश दी गई थी। टिका नहीं लगाने से संबंधित कोई बात नहीं की गई थी। फादर के द्वारा की गई टिप्पणी का खंडन करते हुए माफी मांगी गई है। भविष्य में ऐसा दोबारा ना हो उनके द्वारा कहा गया है। स्कूल में आगे से शिक्षा संबंधी चर्चा ही की जाएगी।
सिविल लाइन थाना प्रभारी संजय सिंह