देवास जिला अस्पताल में परिजनों ने नवजात की मौत के बाद हंगामा कर दिया। परिजनों का आरोप था कि स्टाफ नर्स की लापरवाही से नवजात की मौत हुई है प्रसव के लिए ले जाने में स्टाफ नर्स ने गंभीरता नहीं दिखाई। नतीजा रहा कि प्रसव में देरी से होने से नवजात के मुंह में पानी जाने से उसकी मौत हो गई। कार्रवाई की मांग को लेकर परिवार वालों ने आरएमओ अजय पटेल ओर कोतवाली थाना पुलिस को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की है।
इस दौरान पुलिस बल भी मौके पर पहुंचा और परिजनों को समझाइए दी। वही पीएम कर नवजात शिशु का शव परिजनों को सौंप गया।
आपको बता दे की चाणक्यपुरी मल्टी मे रहने वाली रेशमा पति हर्ष शिंदे को डिलेवरी के लिए जिला चिकित्सालय में 18 तारीख को भर्ती किया गया था जहा 23 तारीख को डिलेवरी के बाद नवजात शिशु को इंदौर रेफर किया गया जहा उसकी मोत हो गई। परिजनों का आरोप हे की 6 दिनों तक डाक्टरों ओर स्टाफ नर्स ने लापरवाही की।जिससे मेरे पुत्र की मोत हो गई ।यहा तक की डाक्टर के कहने पर सोनोग्राफी भी प्रायवेट कराई गई।समय रहते अगर डिलेवरी करा दी गई होती तो मेरे बच्चे की मोत नही होती।
परिजनों ने आरएमओ अजय पटेल ओर कोतवाली थाना पुलिस को ज्ञापन देकर लापरवाही बरतने वालो कर कार्यवाही की मांग की।वही आरएमओ अजय पटेल ने कहा की नवजात शिशु की मोत के मामले में परिजनों ने बताया है मामले मे जांच दल गठित कर लापरवाही बरतने वालों पर कार्यवाही की जाएगी।वही कोतवाली पुलिस ने भी मामला जांच मे लिया है।
एडिटर-इन-चीफ अभिषेक सोनी